प्रेगनेंसी के दौरान पेट दर्द के कारण और इलाज

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में दर्द होना एक आम बात है और अक्सर बच्चे के बढ़ने के साथ शरीर में होने वाले नॉर्मल बदलावों की वजह से ऐसा होता है। हालांकि, पेट में दर्द मामूली परेशानी से लेकर गंभीर कॉम्प्लीकेशंस के लक्षणों तक हो सकती है, इसलिए इनके बीच का अंतर को समझना बहुत ज़रूरी है। इस लेख में हम प्रेग्नेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द होने के कारणों के साथ-साथ इसके सटीक इलाज और कब मेडिकल मदद लेनी चाहिए, इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में नॉर्मल दर्द के कारण 

जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी बढ़ती है, शरीर में कई बदलाव होते हैं जिनसे पेट में हल्की से लेकर मध्यम तकलीफ़ हो सकती है। इनमें शामिल हैं:

गर्भाशय का आकार बढ़ना

प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चेदानी (यूटेरस) बच्चे के बढ़ने के साथ फैलने लगती है। जब यूटेरस बड़ा होता है, तो उसके आस-पास की मांसपेशियों और लिगामेंट पर खिंचाव पड़ता है। इसी खिंचाव की वजह से पेट में हल्का चुभन जैसा दर्द, भारीपन या खिंचाव महसूस हो सकता है। यह दर्द सामान्य होता है और शरीर के बदलावों का हिस्सा होता है।

हार्मोनल बदलाव

प्रेग्नेंसी में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ जाता है। यह शरीर की मांसपेशियों को ढीला कर देता है, जिससे खाना धीरे पचता है। इसी वजह से पेट भारी लगना, गैस या हल्का दर्द महसूस हो सकता है।

मसल और लिगामेंट में खिंचाव

बच्चा बढ़ने पर पेट के नीचे की सपोर्ट वाली पट्टियाँ और मसल्स फैलने लगते हैं। इसी वजह से अचानक उठने-बैठने, खांसने या हल्की एक्सरसाइज करने पर हल्का दर्द या खिंचाव महसूस हो सकता है।

पाचन (डाइजेशन) से जुड़ी दिक्कतें

गैस, कब्ज़ और पेट फूलना आम हैं और इनसे ऐंठन या तेज़ दर्द हो सकता है जो पीरियड्स की परेशानी जैसा महसूस होता है।

विभिन्न प्रकार के दर्दों के बीच फर्क समझना मददगार होता है। जैसे की 

हल्की परेशानी: आमतौर पर नॉर्मल होती है और स्ट्रेचिंग व पाचन की वजह से होती है।

तेज़, अचानक दर्द: अक्सर लिगामेंट में खिंचाव की वजह से होता है, लेकिन अगर यह लगातार रहे तो जांच की ज़रूरत पड़ सकती है।

ऐंठन (क्रैम्प) वाला दर्द: नॉर्मल हो सकता है, लेकिन इस पर नज़र रखनी चाहिए, खासकर अगर इसके साथ स्पॉटिंग या बहुत ज़्यादा दर्द हो।

पहली तिमाही में पेट दर्द

प्रेग्नेंसी की शुरुआती अवस्था में ऐंठन (क्रैम्पिंग) और हल्का पेट दर्द होना आम बात है, क्योंकि शरीर नए बदलावों के अनुसार खुद को ढाल रहा होता है। कई महिलाओं को 2 महीने की प्रेग्नेंसी में पेट दर्द, हार्मोनल बदलावों से होने वाली असहजता, या पीरियड जैसे क्रैम्प्स महसूस हो सकते हैं।

आम कारण

इम्प्लांटेशन क्रैम्प्स: जब बच्चा गर्भाशय की दीवार से चिपकता है, तब हल्की मरोड़ या हल्का दर्द हो सकता है।

हार्मोनल बदलाव: तेज़ी से होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव से प्रेग्नेंसी की शुरुआत में पेट दर्द हो सकता है।

यूटेराइन ग्रोथ: गर्भाशय या यूटेरस फैलने लगता है, जिससे पहली तिमाही में क्रैम्प्स हो सकते हैं।

गैस और कब्ज़: प्रोजेस्टेरोन बढ़ने की वजह से पाचन धीमा होना आम बात है।

लिगामेंट में खिंचाव:  गर्भाशय या यूटेरस की जगह और बनावट बदल रही है।

अगर ये लक्षण दिखें तो मेडिकल मदद लें:

  • दर्द बहुत ज़्यादा या लगातार हो
  • दर्द के साथ वजाइनल ब्लीडिंग (रक्तस्राव) हो
  • पेट के एक तरफ तेज़ दर्द हो
  • एक्टोपिक (ectopic) प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखें, जैसे चक्कर आना, तेज़ पेट दर्द और कंधे में दर्द
  • पेट दर्द के साथ तेज़ उल्टी हो

दूसरे तिमाही में पेट दर्द

कई महिलाओं को दूसरे ट्राइमेस्टर तक शुरुआती लक्षणों से राहत महसूस होती है, लेकिन प्रेग्नेंसी के 5 महीने के आसपास उन्हें नई तरह की परेशानी, जैसे पेट दर्द, महसूस होने लग सकती है।

आम कारण

  • राउंड लिगामेंट दर्द: पेट के निचले हिस्से में एक या दोनों तरफ तेज दर्द, खासकर अचानक मूवमेंट के दौरान।
  • गर्भाशय का तेजी से बढ़ना: इस फेज में यूटेरस बहुत बड़ा हो जाता है।
  • बच्चे की मूवमेंट:  किक, खिंचाव और करवट लेने की वजह से कुछ देर के लिए दर्द हो सकता है।
  • गैस और एसिडिटी
  • बच्चे के बढ़ते वजन के कारण पेल्विक मसल्स पर दबाव

महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बीच में पेट दर्द या यूटेरस के बढ़ने के साथ दूसरे ट्राइमेस्टर में पेट में कसाव जैसे अनुभव भी हो सकते हैं।

अगर ये लक्षण दिखें तो मेडिकल मदद लें:

  • दर्द लगातार या बहुत तेज हो
  • दर्द के साथ बुखार हो
  • दर्द के साथ पेशाब में जलन हो (संभवतः UTI)
  • तेज ऐंठन या कॉन्ट्रैक्शन हो

तीसरी तिमाही में पेट दर्द

प्रेग्नेंसी के आखिर में, दर्द ज़्यादा महसूस होने लगता है क्योंकि शरीर लेबर के लिए तैयार होता है। कई महिलाओं को 9 महीने की प्रेग्नेंसी में पेट दर्द, दबाव महसूस होना या पेट में कसाव महसूस हो सकता है।

आम कारण

  • बच्चे का पेल्विस में नीचे आना, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों पर दबाव बढ़ता है
  • ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन, शरीर को लेबर के लिए तैयार करने वाला कसाव महसूस होना
  • पेट के निचले हिस्से पर दबाव
  • पेल्विक जोड़ का ढीला होना
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द जो आगे की ओर फैलता है

कई महिलाएँ इसे प्रेग्नेंसी के आख़िरी महीनों में होने वाली टाइटनेस या पेट में दबाव जैसा दर्द मानती हैं।

अगर ये लक्षण दिखें तो मेडिकल मदद लें:

  • कॉन्ट्रैक्शन रेगुलर और ज़्यादा तेज़ हो जाएं
  • बच्चे की हलचल कम हो जाए
  • फ्लूइड लीक हो रहा हो या ज़्यादा दबाव हो
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द तेज़ हो जाए
  • लेबर या प्रीटर्म लेबर के लक्षण दिखें

प्रेग्नेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द

प्रेग्नेंसी में कई महिलाओं को बढ़ते यूट्रस और लिगामेंट्स और मसल्स के मूवमेंट की वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है। जिसमे आम कारणों में शामिल हैं:

इसे प्रेग्नेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द भी कहा जा सकता है, जो आमतौर पर हल्का और कभी-कभी होने पर नुकसान नहीं पहुंचाता है।

अगर ये लक्षण दिखें तो मेडिकल मदद लें:

  • दर्द बहुत ज़्यादा या लगातार हो
  • वजाइना से ब्लीडिंग हो
  • दर्द के साथ बुखार या उल्टी हो
  • कॉन्ट्रैक्शन रेगुलर इंटरवल पर हों

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट दर्द के गंभीर कारण

कुछ स्थितियों में तुरंत मेडिकल मदद की ज़रूरत होती है। इनमें शामिल हैं:

  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
  • मिसकैरेज
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
  • किडनी स्टोन
  • प्लेसेंटा एब्रप्शन
  • प्रीटर्म लेबर
  • प्री-एक्लेम्पसिया
  • अपेंडिक्स में सूजन (अपेंडिसाइटिस) या पित्त की थैली में पथरी (गॉलस्टोन) जैसी बड़ी पेट की समस्याएँ

अगर ये लक्षण दिखें तो मेडिकल मदद लें:

  • तेज़ या लगातार पेट दर्द
  • ब्लीडिंग के साथ दर्द
  • पीठ में तेज़ दर्द
  • तेज़ बुखार
  • लगातार उल्टी
  • तेज़ सिरदर्द और सूजन (संभवतः प्री-एक्लेम्पसिया)

सुरक्षित घरेलू नुस्खे और इलाज

कई बार प्रेग्नेंसी में होने वाला पेट दर्द किसी गंभीर वजह से नहीं होता, और घर पर आराम करने से कम हो जाता है।

क्या करे 

  • गर्म पानी से नहाएं
  • बाईं तरफ आराम करें
  • खूब पानी पिएं
  • थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाना खाएं
  • हल्की प्रीनेटल स्ट्रेचिंग या योग करें
  • मैटरनिटी सपोर्ट बेल्ट पहनें
  • एसिडिटी के लिए डॉक्टर से मंज़ूर एंटासिड का इस्तेमाल करें

क्या न करे 

  • भारी चीज़ें न उठाएं
  • अचानक कोई हरकत न करें
  • लगातार या बिगड़ते दर्द को नज़रअंदाज़ न करें
  • बिना डॉक्टरी सलाह के दर्द की दवा न लें

क्लाउडनाइन क्या परामर्श देता है 

प्रेग्नेंसी को समझने वाला अच्छा हेल्थकेयर सेंटर चुनना बहुत सुकून देता है। क्लाउडनाइन हर तिमाही में बेहतरीन जांच, हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी की देखभाल और अनुभवी डॉक्टरों की गाइडेंस प्रदान करता है। उनके डॉक्टर समय पर पेट दर्द की जांच, नियमित मॉनिटरिंग और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत मदद सुनिश्चित करते हैं। प्रेग्नेंसी की जांचों से लेकर इमरजेंसी सर्विस तक, क्लाउडनाइन का ध्यान मां और बच्चे की सुरक्षा पर रहता है, जिससे होने वाले माता-पिता हर स्टेज पर ज़्यादा कॉन्फिडेंट महसूस करते हैं।

निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी में पेट में हल्का दर्द होना आम और सामान्य बात है, क्योंकि शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। अगर आपको पता हो कि कौन-से कारण नॉर्मल हैं, हर ट्राइमेस्टर में क्या लक्षण आते हैं, और कौन-से संकेत गंभीर हो सकते हैं, तो आप ज्यादा तैयार और निश्चिंत रह सकते हैं। ज़्यादातर हल्का दर्द घर पर आसान उपायों से ठीक हो जाता है, लेकिन नियमित चेकअप और जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना सुरक्षित और स्वस्थ प्रेग्नेंसी के लिए बहुत ज़रूरी है।

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Frequently Asked Questions

1. क्या प्रेग्नेंसी की शुरुआत में पेट दर्द होना नॉर्मल होती है?

हाँ, प्रेग्नेंसी की शुरुआत में हल्के क्रैम्प और बेचैनी नॉर्मल है क्योंकि यूट्रस फैलता है और हॉर्मोन एडजस्ट होते हैं। अगर दर्द बहुत ज़्यादा हो या ब्लीडिंग हो तो मदद लें।

2. प्रेग्नेंसी में पेट के निचले हिस्से के दर्द को कैसे कम करें?

आराम, हाइड्रेशन, गर्म पानी से नहाना, हल्की स्ट्रेचिंग और थोड़ा-थोड़ा खाना खाने से बेचैनी कम करने में मदद मिल सकती है।

3. प्रेग्नेंसी के तीन नॉर्मल दर्द क्या हैं?

राउंड लिगामेंट में दर्द, गैस और पाचन से जुड़ी ऐंठन, और मसल्स और लिगामेंट्स में खिंचाव।

4. प्रेग्नेंसी में ऐंठन कहाँ होती है?

ये आमतौर पर पेट के निचले हिस्से, पेल्विस या पीठ में महसूस होती हैं, यह कारण और प्रेग्नेंसी के स्टेज पर निर्भर करता है।

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